STORYMIRROR

बिमल तिवारी "आत्मबोध"

Inspirational

4  

बिमल तिवारी "आत्मबोध"

Inspirational

भगवान बुद्ध

भगवान बुद्ध

1 min
337


संसार के ख़ातिर जो त्यागे ख़ुद की इच्छा, बुद्ध वही है

त्यागकर महलों की सुविधा मांगे भिक्षा, बुद्ध वही है

मानव के कल्याण ख़ातिर ले ले दीक्षा, बुद्ध वही है

प्रयास से जिसके जगत की दूर हो तृष्णा, बुद्ध वही है


देखकर संसार की दुर्गति,ख़ुद को खपा दे, बुद्ध वही है

दिलाना चाहें सबको मुक्ति,ख़ुद को हटा के, बुद्ध वही है

सह ले सबका क्रोध हिंसा मुस्कुरा के, बुद्ध वही है

ला दे सबकों अपनें वचन से सत्य रहा पे, बुद्ध वही है


सम्यक दृष्टि समभाव संतुलन बनकर रहे जो, बुद्ध वही है

देख कर विपदा विषाद में डंटकर रहे जो, बुद्ध वही है

अन्वेषक सा बनकर चाहे समाधान संसार का जो 

समभाव सा बनके जगत में सागर सा बहे जो, बुद्ध वही है


जन्म रहस्य और मृत्यु का सपना जला दे, बुद्ध वही है

मानवता अहिंसा सबकें मन में जगा दे, बुद्ध वही है

किसी से कोई नफरत द्वेष घृणा तनिक ना मन में रखता

सरल सहज़ और शुद्ध हृदय से अपना बना ले, बुद्ध वही है 


जटिल जीवन नहीं साधु जैसा सहज़ जीवन से मुक्ति, बुद्ध है

वर्ण वर्ग कुल जात पात नहीं मौलिकता से मुक्ति, बुद्ध है

भक्ति क्रांति का व्यापार मिटाके तोड़े वर्ग विशेष का शान

सत्य शांति और सतपथ चलकर मानवता से मुक्ति, बुद्ध है ।।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational