भग्नावशेष
भग्नावशेष
लाशों की सलीब उठाना छोड़ दो
गड़े मुर्दे उखाड़ना छोड़ दो।
पलटो मत बार-बार उन पन्नों को
पढ़ लिया है बहुत पहले तुमने जिन्हें
स्वागत करो उदित होते सूर्य का,
न करो विश्लेषण
दिन के आलोक में
बीती रात का।
माना इतिहास है
गौरवशाली,
गर्व करो उसपर।
पर कुसुमित हो रहे जो
नव पल्लव,
आतुर स्नेह हेतु तुम्हारे
आगे बढ़ भर लो
स्नेह से इन्हें अपने अंक में।
पुरातन की महत्ता
कम नहीं हो जाती
नूतन के आगमन से,
परन्तु यह भी सत्य है कि
नव-निर्माण
होता है सदा
पुरातन के भग्नावशेष से।