भैया घर आना होगा
भैया घर आना होगा
बहना कहती है, भैया भाई दूज आई है
स्नेह से कहती हूं, मै जो तू आए।
मेरे आंगन मे मंगल गीत गाऊँ
तुझे प्यार से तिलक लगाऊं।
पहले भी नहीं आया था, अब तो आना होगा।
बहन और भाई का पावन प्रसंग है।
बचपन के दिन आज भी याद है,
आज फिर कहती हूं भाई।
तू फौजी है, तुझे छुट्टी नहीं मिलती है.
ये दिल नहीं मानता, एक ही जिद है।
सभी के भाई आ रहे है, तुम भी आना,
भैया दीदार के दर्शन नहीं होते।
बहन और भाई का पावन प्रसंग है।
ख़ुश हूं, भैया मैं तेरी बहना
मुझे दिया है, सुवर्ण जैसा भैया।
तिलक,मुंह मीठा करवाके
आरती, पूजा करने थाली सजाऊ।
दुवाओं में मांग लू लम्बी आयु,
मे ख़ुश किस्मत हूं, मेरे भैया।
फौजी भैया कभी ना आए तुझ पर संकट,
उज्वल भविष्य के कामना गीत सुनाऊं।
तेरी खुशहाली मे ख़ुश हूं, मेरे भैया।
बहुत दिन हो गए, घर पर आना होगा।
