लफ़्ज फौजी के...
लफ़्ज फौजी के...
सरहद पर बनाया हूं अपना आशियाना सनम,
एक दो जन्म ही नहीं, सात जन्म रहेंगे तुम्हारे हम।
कभी दूर हूं कभी पास, सबूत है तुम दिल से पूछो।
हर मुसीबत मे सोचो साथ मिलेंगे हम।
कर्ज चुकाना, फर्ज बजाना, वादा निभाना है हमे,
पहले वतन, फिर तुम्हें मरते दम तक निभाएंगे हम।
कुछ नशा पाल रखा है, तिरंगे की आन बान शान का,
हम कहा डरते हैं, जहां खतरा हो फर्ज पे जान का।
