Saumya Mishra
Inspirational
जिस मिट्टी पर जन्म लिया,
उस मिटटी का हम पर क़र्ज़ है।
भारत माता की रक्षा ही,
हर भारतीय का फ़र्ज़ है।
भारतमाता
सीता की अग्नि...
स्त्री
बेटी हुई पराई
विचलित हो जाना ये प्यार अपनापन नहीं तो और क्या है? विचलित हो जाना ये प्यार अपनापन नहीं तो और क्या है?
यह धरती भी तो, हमारी एक माता है इंसान आखिर यह क्यों, भूल जाता है। यह धरती भी तो, हमारी एक माता है इंसान आखिर यह क्यों, भूल जाता है।
नहीं चाहती मैं तुम्हारे जैसा बनना औरत हूं हर जन्म औरत बनना चाहती हूं। नहीं चाहती मैं तुम्हारे जैसा बनना औरत हूं हर जन्म औरत बनना चाहती हूं।
कहते सुना अक्सर लोगों को, प्यार सबकुछ सिखा देता है। कहते सुना अक्सर लोगों को, प्यार सबकुछ सिखा देता है।
अगर प्रेम का ईंट और गारा हो घर के नींव में भाईचारा हो। अगर प्रेम का ईंट और गारा हो घर के नींव में भाईचारा हो।
अटलांटिक महासागर पार किया और पहुँच गये न्यूयार्क के मैनहेटन। अटलांटिक महासागर पार किया और पहुँच गये न्यूयार्क के मैनहेटन।
भुला पाएंगे कभी वीर जवानो की कुर्बानी चुनकर काँटो भरी राह दे दी हमको आजादी। भुला पाएंगे कभी वीर जवानो की कुर्बानी चुनकर काँटो भरी राह दे दी हमको आजादी।
मैत्री भाव की पराकाष्ठा अति सुंदर हाथों का हाथों से मिलना होगा! मैत्री भाव की पराकाष्ठा अति सुंदर हाथों का हाथों से मिलना होगा!
खुद से की एक मुलाकात,ढूंढा अपना खुद का पता! खुद से की एक मुलाकात,ढूंढा अपना खुद का पता!
उठता है एक सवाल, क्या भय होनी चाहिए? या भय क्यों होनी चाहिए। उठता है एक सवाल, क्या भय होनी चाहिए? या भय क्यों होनी चाहिए।
युग का जब -जब भी आविरभाव होगा। राम तुम्हे तब-तब ही वनवास होगा। युग का जब -जब भी आविरभाव होगा। राम तुम्हे तब-तब ही वनवास होगा।
सुंदरता बसंत की चहुं ओर खुशी है। चिड़ियों की चहचहाहट देती एक खुशी है। सुंदरता बसंत की चहुं ओर खुशी है। चिड़ियों की चहचहाहट देती एक खुशी है।
विकास की डगर होगी कठिन, जब आदी नारी शक्ति नहीं होगी संग। विकास की डगर होगी कठिन, जब आदी नारी शक्ति नहीं होगी संग।
मिठास इश्क की साथ लिए आओ एक बार फिर से…. मिठास इश्क की साथ लिए आओ एक बार फिर से….
सुकून से रिश्तो को निभाने वाले दिल मे न घर बना पाएगी शंका। सुकून से रिश्तो को निभाने वाले दिल मे न घर बना पाएगी शंका।
है परीक्षा हर कदम पर , राह चलना है कठिन !! है परीक्षा हर कदम पर , राह चलना है कठिन !!
हिन्द हमारा देश है, और तिरंगा शान सब धर्मों की मात्र है, यही एक पहचान। हिन्द हमारा देश है, और तिरंगा शान सब धर्मों की मात्र है, यही एक पहचान।
ये महंगाई बहुत ज़्यादा बढ़ गई है, दो वक़्त की रोटी मिलती नहीं है। ये महंगाई बहुत ज़्यादा बढ़ गई है, दो वक़्त की रोटी मिलती नहीं है।
साथ अगर अपनों का हो। भव सागर हम तर जाएं।। साथ अगर अपनों का हो। भव सागर हम तर जाएं।।
निर्झर जैसी अपनी धुन है। बहते यूं ही जाना है। निर्झर जैसी अपनी धुन है। बहते यूं ही जाना है।