Saumya Mishra
Inspirational
जिस मिट्टी पर जन्म लिया,
उस मिटटी का हम पर क़र्ज़ है।
भारत माता की रक्षा ही,
हर भारतीय का फ़र्ज़ है।
भारतमाता
सीता की अग्नि...
स्त्री
बेटी हुई पराई
मानव जीवन अगर है जीना मूल्यों को रखना होगा आगे। मानव जीवन अगर है जीना मूल्यों को रखना होगा आगे।
वो राख नहीं जो खो जाए मिट्टी में मिलकर मिट्टी सी, वो बीज है जो उभरती है ताकत बन नए वो राख नहीं जो खो जाए मिट्टी में मिलकर मिट्टी सी, वो बीज है जो उभरती है ...
आर्य समाज स्थापना का शुभ दिन है आओ, स्वागत नववर्ष करें हम। आर्य समाज स्थापना का शुभ दिन है आओ, स्वागत नववर्ष करें हम।
ब्रम्हाँ ने जब शब्द गढ़ा होगा ' माँ ' शब्द को विशाल किया होगा ब्रम्हाँ ने जब शब्द गढ़ा होगा ' माँ ' शब्द को विशाल किया होगा
जय हो प्रिय दादा परशुराम की जय हो सत्य रूप भगवान की। जय हो प्रिय दादा परशुराम की जय हो सत्य रूप भगवान की।
भाव बिभोर हृदय हो जाये भाग्य सदा उदय हो जाये । भाव बिभोर हृदय हो जाये भाग्य सदा उदय हो जाये ।
बढ़ता जा आगे अनवरत मत देख तू पथ के काँटों को। बढ़ता जा आगे अनवरत मत देख तू पथ के काँटों को।
माँ ने हमें अच्छे बुरे का फर्क समझाया है, हमें जीने का सही तरीका भी सिखाया है। माँ ने हमें अच्छे बुरे का फर्क समझाया है, हमें जीने का सही तरीका भी सिखाया ह...
ज़ुनून की हो आग मन में, तू नहीं किसी से कम। ज़ुनून की हो आग मन में, तू नहीं किसी से कम।
तन- मन सबका उल्लसित कर दो. वर दो, वीणावादिनी वर दो. तन- मन सबका उल्लसित कर दो. वर दो, वीणावादिनी वर दो.
ना दुख ठहरता ना सुख ठहरता ना चांद ठहरता न सूरज ठहरता। ना दुख ठहरता ना सुख ठहरता ना चांद ठहरता न सूरज ठहरता।
प्रेम की अनुपम रचना है "माँ".... प्रेम की अनुपम रचना है "माँ"....
माँ, आदि से अनंत तक समर्पण की गाथा है , स्नेह जिसके दामन में, शुभाशीष जिसकी वाणी में माँ, आदि से अनंत तक समर्पण की गाथा है , स्नेह जिसके दामन में, शुभाशीष जि...
पीठ पर पुत्र था जिसके दोनों हाथों कटारे थी। पीठ पर पुत्र था जिसके दोनों हाथों कटारे थी।
पति के जाने के बरसों बाद उसने आजादी की हवा में सांस ली थी। पति के जाने के बरसों बाद उसने आजादी की हवा में सांस ली थी।
शौक के खातिर मनुज इस जग में हैं व्यवहार करता। शौक के खातिर मनुज इस जग में हैं व्यवहार करता।
हे माँ, तेरा मेरा ये कैसा वास्ता…. मेरी हर मुसीबत में याद आए तू। हे माँ, तेरा मेरा ये कैसा वास्ता…. मेरी हर मुसीबत में याद आए तू।
जीवन का हर सार ,बताती माँ। निज तन मन के दर्द,छुपाती माँ।। जीवन का हर सार ,बताती माँ। निज तन मन के दर्द,छुपाती माँ।।
उस बीज को पूरा पोषण, शुद्ध वातावरण देना चाहे, तो उसमें गलत ही क्या है उस बीज को पूरा पोषण, शुद्ध वातावरण देना चाहे, तो उसमें गलत ही क्या है
ये जिंदगी की आसमानी शाम बेहद सुहानी है इस मोड़ पर हम साथ हैं बाकी सब बेमानी है। ये जिंदगी की आसमानी शाम बेहद सुहानी है इस मोड़ पर हम साथ हैं बाकी सब बेमानी है...