गुलाम अली खान जी ने यह चित्र बनाया ,
जिसमे भारतीय गांवों की छटा को दर्शाया ,
जो इतिहास के पन्नों में समा गया ,
रानिया के ग्रामीणों का दृश्य सबके मन भा गया |
वहाँ के लोग निराले होते थे ,
जीवन की आम भीड़ में खोते थे ,
उनकी संस्कृति और धार्मिकता थी इतनी महान ,
जो एकता और विश्वास के पथ से लगती आसान |
महँगाई के उस दौर के अंधकार में,
गाँवी जीवन की रोशनी चमकती है ,
मुख पर मुस्कान और दिल में सप्रेम से ,
आदिवासी संस्कृति खूब निखरती है |
खेती करके जीना ही धरती पर,
किसानों का आधार बनता है ,
सदियों से जीवित रही इस धरा पर ,
उनकी मेहनत का फल खूब चमकता है |
अमीरी के तालाब में वह नहीं खोते,
अपने सघर्ष में भी खुशियाँ पा जाते हैं ,
पर्यावरण की रक्षा और प्रकृति को संवार ,
ग्रामीण जीवन को सार्थक कर जाते हैं |
दिल्ली के किनारे बसा हुआ यह गाँव रानिया,
जिसमे विदेशी सेनापति की प्रेमिका दिखती है ,
लेकिन छवि में वह स्त्री नहीं एक देवी है,
जो ग्रामीणता की शक्ति से चमकती है ||