भारत
भारत
मैं भारत हूं
अखंड भारत
मुझे सदियों से
लूटा गया है
हूणों ने पख्तूनो ने
मुगलों ने फिरंगियों ने
सबने लूटा, शोषण किया
मेरे अंग बार बार काटे गए
फिर भी मैं जीवित हूं
तुम्हारे लिए
मैं जीवंत हूं तुम सबके लिए
तुम प्राण हो मेरे
और प्राणों के रहते
कोई कैसे मर सकता है
मैं घायल हूं
अपनों के आघातों से
दिल दर्द से भर जाता है
अपने ही जज्बातों से
तुम जिसे समुद्र कहते हो
वे मेरे आंसू हैं
तुम इन्हें बहने से रोक लो
वरना प्रलय दूर नहीं है
देखो मेरे हृदय के घावों को
और अब उन्हें बढ़ने मत दो
बहुत हो चुका मजहब
और जाति का सियासती खेल
अब अपनी एक ही हो पहचान
मैं हूं हिन्दुस्तानी और
मेरा है यह हिन्दुस्तान।