बेटी
बेटी
मेरी लाडली, मेरा कल
सोचता हूं उसके लिए
देखता हूं उसकी ऑखोंमे
नया विश्वास हर पल, हर पल १
घरका सब आनंद उसीसे है
वो झुमती है, तो झुमता है सारा घर
नाचती है तो नांच उठे सारा आंगण
हर एक के मन मे समाई हुई है
हर एक दिलमे समाई हुई है २
मेरी बेटी तो मेरा सपना है
सच पुछो तो अपना ही है
जो मैं पुरा ना कर सका
उस सपनोंको अपना मानता हूं
क्योंकि,
मेरी बेटी तो मेरा सपना है
मेरी बेटी तो मेरा सपना है।