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Dr.Rashmi Khare"neer"

Abstract

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Dr.Rashmi Khare"neer"

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बेटी

बेटी

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बेटी माँ की छाया होती है

बेटी माँ की रूप होती है

बेटी माँ का अस्तित्व होती है


तुम बेटी नहीं चाहते

तुम माँ नहीं चाहते

बेटी संसार का निर्माण करती है

तुम निर्माण नहीं चाहते


फिर क्या चाहते हो

बेटी को प्यार करो

उसे कोख में मत मारो


उस आने दो संसार में

खिलने दो

प्यार करो।


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