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Krishna Bansal

Abstract Inspirational

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Krishna Bansal

Abstract Inspirational

बेटी की पुकार

बेटी की पुकार

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मम्मी-पापा जी,

आपने मुझे बहुत प्यार से 

पाला पोसा

खूब पढ़ाया लिखाया

मुझे अपने पाँव पर खड़ा किया

वह सब किया

जो मेरे लिए कर सकते थे।

ज़िन्दगी में हर परिस्थिति का

सामना करना सिखाया।

 

अब आप निश्चिंत हो जाएं।

चैन की नींद सोएं।


मैं निकल पड़ी हूँ 

ज़िन्दगी की राह पर।


मेरा फ़िक्र करने की 

ज़रूरत कदापि नहीं 

मैं अपना ध्यान 

खुद रख सकती हूँ।


मुझे आर्थिक मदद की 

ज़रूरत नहीं है 

मैं स्वयं कमाने लगी हूँ।


कल को मैं आपसे दूर चली गई

अपनी गृहस्थी भी बसा ली 

विश्वास करो 

अब मैं इस काबिल हूँ

सब सम्भाल लूँगी।


मैं जानती हूँ

आप सदैव मेरी मदद को 

तैयार मिलेंगे

मेरा प्रयत्न यह रहेगा 

मैं अपनी नैया का 

खेवट स्वयं बनूँ।


किसी भी कारण से 

अकेली भी पड़ जाऊँ 

इतना दम तो मैं तब रखूँगी 

बच्चे मेरी पूरी जिम्मेवारी होंगे

घर के बुज़ुर्ग मेरे सिर माथे 

इस बात का ख्याल रखूँगी

समाज भी उँगली न उठाए।

आप पर कोई आँच न आए।


आपसे प्रार्थना है 

न कमज़ोर पड़ना

न मुझे पड़ने देना।


मैं आपकी ऋणी थी

ऋणी हूँ

बुढ़ापे तक आपकी 

ऋणी रहूँगी।



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