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Gurudeen Verma

Tragedy

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Gurudeen Verma

Tragedy

बेऔलाद ही ठीक है यारों

बेऔलाद ही ठीक है यारों

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कर दी है क्या दशा, औलाद ने माँ - बाप की।

 मिला दी मिट्टी में इज्जत, औलाद ने माँ-बाप की।।

दिया नहीं कुछ भी सुख,जीवन में माँ-बाप को।

 बना दी है जहन्नुम जिंदगी, औलाद ने माँ-बाप की।।


बेऔलाद ही ठीक है यारों, हाँ ऐसी औलाद से।

माँ- बाप को सुख नहीं है, गर अपनी औलाद से।।

बेऔलाद ही ठीक है यारों -----------------------।।


किस किसकी नहीं पूजा की है, पाने को औलाद।

कितने दिन जगरातें किये हैं, पाने को औलाद।।

दर - दर की ठोकर मिली, गर अपनी औलाद से। 

बेऔलाद ही ठीक है यारों---------------------।।


रखने को

औलाद को खुश, माँ-बाप भूखे सोते हैं।

औलाद के ख्वाब करने को पूरे, कर्ज भी लेते हैं।।

नहीं मदद मिले जीवन में, गर अपनी औलाद से।

बेऔलाद ही ठीक है यारों---------------------।।


करते हैं झगड़ा और पिटाई, आये दिन माँ- बाप से।

करते हैं मौज- मस्तियां जो, होकर अलग माँ-बाप से।।

अरमान खाक हो जाते हैं, गर अपनी औलाद से।

बेऔलाद ही ठीक है यारों-------------------।।


आती नहीं है जिनको दया, अपने माँ- बाप पर।

रहते हैं हमेशा निर्भर जो, अपने माँ - बाप पर।।

मिलते हैं हमेशा ही आँसू , गर अपनी औलाद से।

बेऔलाद ही ठीक है यारों--------------------।।



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