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Kavita Sharma

Abstract

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Kavita Sharma

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बदलाव

बदलाव

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मौसम और अंतर्मन 

दोनों ही बदलते रहते हैं

गर्मी, सर्दी , बरसात 

शिशिर, हेमंत,बसंत

जीवन का आनंद 

विभिन्न ऋतुओं केवल संग

अंतर्मन के भाव भी

इक जैसे नहीं रहते हैं

खुशी ‌प्रसन्नता से प्रफुल्लित

कभी होता है अंतर्मन 

कभी विषाद से अत्यंत

निराश होता है जीवन

मन है कब स्थिर रहता है

मौसम हो मन बदलता रहता है।


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