बचत करीयेगा नियमित
बचत करीयेगा नियमित
नियमित लघु संचय करें, पैसा-पैसा जोड़
जितनी निज सामर्थ्य हो, कर न किसी से होड़
कर न किसी से होड़, अल्प पर नियमित संचय
सतत निरंतर करें, बचत तो हो धन अक्षय
बनता जाए कोष, बढ़े समृद्धि अपरिमित
मितव्ययता अपनाय, बचत करीयेगा नियमित
अच्युतम केशवम