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Vijay Kumar उपनाम "साखी"

Abstract

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Vijay Kumar उपनाम "साखी"

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बचपन की यादे

बचपन की यादे

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कुछ यादें बहुत ही हसीन होती हैं

बचपन से बहुत ही रंगीन होती है

बिना बोले चलते-चलते मुस्कुराना

देख बच्चों को अपना हाथ हिलाना

पुरानी यादे मेरी ताजातरीन होती है

कुछ यादे बहुत ही हसीन होती है!


ये खूबसूरत लम्हों की बीन होती है

ख़ास कोई वो बीते पल लौटा दे,

इनके बिना जिंदगी यतीन होती है

वो बचपन की यादे अमूल्य धन है,

बाकी सारे जीवन मे व्यर्थ मन है,

बचपन से जिंदगी बेहतरीन होती है

इन यादों बगैर जिंदगी दीन होती है

कुछ यादें बहुत ही हसीन होती हैं

बचपन से बहुत ही रंगीन होती है!


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