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SIDHARTHA MISHRA

Abstract

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SIDHARTHA MISHRA

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बचपन के खेल

बचपन के खेल

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बचपन मैं हम कई तरह के खेल खेलते हैँ,

छुपा छुपी,लगोरी, काँचा,गिल्ली-डंडा, खो-खो आदि

जो हमें बहुत खुशी देती थी।


हम ये सब खेल केवल खुशी के लिए खेलते थे,

ना तो इसमें हमें कोई इनाम मिलता था,

और ना ही शबासी।


आज इस कोरोना के काल में

जब सब कोई मास्क लगा कर घूम रहे है,

और स्कूल कॉलेज सब बंद हैँ।


परीक्षा भी रद किये जा रहे हैँ,

ये सब कभी ना कभी तो ठीक होगा,

फिर से बच्चे खुल के पार्क और प्लेग्राउंड्स मैं खेलेंगे।


स्कूल, कॉलेज पहले जैसे चलने लगेंगे,

अभी सिर्फ धैर्य ही साथ देगा,

और हिम्मत नहीं छोड़नी चाहिए।



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