STORYMIRROR

बच्चा - 'लाडला' या 'भिखारी'

बच्चा - 'लाडला' या 'भिखारी'

2 mins
14.6K


भूख से व्याकुल वो बच्चा

बैठा था एक कचड़े के डिब्बे के सहारे

पैरों में चप्पल तो थे

पर ऐसे जैसे मानो 'वेंटिलेटर' पे रखा गया कोई शरीर

जान तो थी पर किसी काम की नहीं!

बदन पर एक शर्ट भी थी

इंद्रधनुष के रंग के समान

कई रंग-बिरंगे छोटे-बड़े टुकड़े

बस इसी कोशिश में जुटे थे की

कहीं इसकी अस्मिता पर कोई

आंच न आये,

और आखिर में वो हाफ-पैंट

जो कि मौसम की मार सहकर

तार-तार हो गया था

पर अभी भी किसी तरह हिम्मत जुटा कर

तैनात था जैसे बार्डर पे खड़ा कोई सिपाही

मौसम की मार सहने के बावजूद

दृढ़-निश्चय से परिपूर्ण,

और साथ में दोनों फटे हुए जेब

बिलकुल एक बदनसीब की किस्मत की तरह!

तभी वहाँ पर एक बड़ी सी गाड़ी आ कर रुकी

शीशा नीचे किया तो एक महिला बैठी हुई थी

बदन पर चमचमाती बनारसी साड़ी

ऐसे इतरा रही थी, जैसे किसी

अंग्रेजी न्यूज़ चैनल पर 'गेस्ट' बना कोई अनपढ़ नेता!

खाने की पोटली निकाल

दूर से ही फेंक दी उस बच्चे की ओर

जैसे मानो ओलंपिक में 'जेवलिन थ्रो' की कोई प्रतियोगिता!

सारा खाना जमीन पर बिखर गया,

महिला ने गाड़ी का शीशा ऊपर किया ओर निकल गयी आगे!

पीछे बैठे बेटे ने सवाल किया,

'माँ, आपने मुझे आज तक कभी ऐसे फेंक कर तो खाना नहीं दिया?

जवाब मिला की

तुम मेरे लाडले बच्चे हो ओर वो एक भिखारी!

कुतूहल में बच्चे ने दुबारा प्रश्न किया

पर माँ वो भी तो मेरी तरह बच्चा ही है,

इस बार माँ ने डाँट कर चुप करा दिया!

पर उस बच्चे के ज़ेहन में

ये कशमकश घर कर गयी

की आखिर फर्क क्या है

एक 'लाडले बच्चे' में ओर एक 'भिखारी बच्चे' में!!


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Children