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बैरागी

बैरागी

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मैं कुछ दिनों के लिए बैरागी बनना चाहता हूँ

अपनी दिल की कुछ मुरादें पूरी करना चाहता हूँ

चाहता हूं कभी जियूं अपने लिए भी

अपनी बात भी कभी सुनना चाहता हूँ


छोड़ कर सारे रिश्ते नाते

चला जाऊँ वहां जहाँ कोई ना आते जाते

किसी की परवाह न करना चाहता हूँ

मैं कुछ दिनों के लिए बैरागी बनना चाहता हूँ


सुकून पाऊँ मैं खुद में ही

जी लूं अपनी जिंदगी उस क्षण में ही

उस ख़ुदा से एक बार मिलना चाहता हूँ

मैं कुछ दिनों के लिए बैरागी बनना चाहता हूँ


अपने अंदर छुपी उस कमी को ढूंढना चाहता हूँ

लहर जगा दे जो उस ओस की नमी को ढूंढना चाहता हूँ

राख बनने से पहले आग बनना चाहता हूँ

मैं कुछ दिनों के लिए बैरागी बनना चाहता हूँ


भटक रहा हूँ उस की तलाश मैं जो सब को न मिलता है

सामने होता तो है पर किसी को न दिखता है

बस उस ऊंचाई को एक बार पाना चाहता हूँ

मैं कुछ दिनों के लिए बैरागी बनना चाहता हूँ


होगा मुमकिन तभी जब नाता तोडूंगा सबसे

उस ऊंचाई को तब ही पाऊंगा जब रिश्ता जोड़ूंगा रब से

मैं बस थोड़े समय के लिए अपना होना चाहता हूँ

मैं कुछ दिनों के लिए बैरागी बनना चाहता हूँ


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