बाप और बेटे का रिश्ता
बाप और बेटे का रिश्ता
उम्र से कुछ फर्क नहीं पड़ता
बेटा अगर तुम्हारे कद का है
तो उसकी कद्र करना जरूरी है
नादानियां है तो गलतियां भी होंगी
गलतियों से सीखना जरूरी है
पर जब भी वों अच्छा काम करें
तो उसपे फक्र करना जरूरी है
कुछ देर बैठकर साथ उसके
दिल के हाल भी जान लिया करो
थोड़ी बहुत जिद्द भी होंगी तो क्या
तुम उसे कभी मान लिया करो
बेटे की भली भाँति परवरिश में
दोस्ती का व्यवहार जरूरी है
उम्र के साथ बड़ा तो हो जाएगा
पर हाँ उस में प्यार जरूरी है
तुम सिर्फ उसका आज बन जाओ
वो खुद तुम्हारा कल बन जाएगा
तुम बाप होने का फर्ज निभाओ
और वह बेटे का फर्ज निभाएगा
इस बाप और बेटे के फर्ज में
एक अहम संस्कार जरूरी है
ना मानोगे बातें मेरी तो ना कहना
कि बढ़ रही रिश्तों में दूरी है
दूरियाँ मिटानी है तो याद रखना कि
पास होने का एहसास जरूरी है।
