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Charvi Malhotra

Abstract Fantasy

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Charvi Malhotra

Abstract Fantasy

बादल की थी आंखें लाल!

बादल की थी आंखें लाल!

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बादल की थी आँखें लाल, 

मैंने पूछा उसका हाल,

उसने मुझ को बतलाया यह, 

मानो जैसे जतलाया यह,

चारों तरफ है घोर प्रदूषण,

उसने मेरा किया यह हाल,

मैं बोली रो लो तुम तो

कुछ बोझ हल्का हो जाएगा,

वह बोला जो रो लूंगा मैं,

क्या भीना मौसम छा जाएगा,

कहीं आएगी सूखे में हरियाली,

कहीं बाढ़ आ जाएगी,

कहीं पेड़ लहराएंगे और

कहीं प्रलय छा जायेगा ,

बादल की थी आँखें लाल,

मैंने पूछा उसका हाल।


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