Dr Mohsin Khan

Abstract

4.5  

Dr Mohsin Khan

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औरतें

औरतें

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औरतें जोड़ती हैं

एक देश को दूसरे देश से,

एक प्रान्त को दूसरे प्रान्त से,

एक शहर को दूसरे शहर से,

एक मोहल्ले को दूसरे मोहल्ले से,

एक घर को दूसरे घर से।

निरंतर यात्रा कर रही हैं औरतें

कहाँ जन्मी थी औरत की पीढ़ी

ख़ुद उनकी स्मृति में नहीं,

बस औरत में से औरत निकल रही है

और फिर एक घर से दूसरे घर,

एक मोहल्ले से दूसरे मोहल्ले,

एक शहर से दूसरे शहर,

एक प्रान्त से दूसरे प्रान्त,

एक देश से दूसरे देश की

असमाप्त यात्रा कर रही है,

कमाल तो यह है इस यात्रा में

वो स्थान कहीं नहीं

जहाँ से यात्रा प्रारम्भ हुई थी औरत की!



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