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Mohammed Hussain Sheikh

Romance

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Mohammed Hussain Sheikh

Romance

असीर

असीर

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असीर-ए-दिल तेरी चाहत का तमाशा देखें,

इतनी गहराईयों में आके और हम क्या देखें...


घर के सेहन मे बैठा एक सहमा सा बच्चा,

पेड पे बैठी हुई चिडिया का चहकना देखें...


कल मेरी छत पे बे-हिज़ाब उतर आया चांद,

रात छुप छुप के मेरे चांद का चेहरा देखे...


अब मेरा आइना भी मेरी तरह पागल है,

अपनी सुरत में भी ये तेरा ही जलवा देखे...


मेरी दुनिया इन्ही आंखों में सिमट आई शेख़,

अब ये हसरत ना रही हमको ज़माना देखे...


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