मेरी दुनिया इन्ही आंखों में सिमट आई शेख़, अब ये हसरत ना रही हमको ज़माना देखे... मेरी दुनिया इन्ही आंखों में सिमट आई शेख़, अब ये हसरत ना रही हमको ज़माना देखे...
मैंने सी रखी हैं कुछ चाहतें अपनी .. दिल में ही तुम गर साथ दो तो हाल-ए-दिल .. लफ्ज़ों मैंने सी रखी हैं कुछ चाहतें अपनी .. दिल में ही तुम गर साथ दो तो हाल-ए-दिल .. ...
ए दिल! बता मुझको उनसे दिल लगाने की सज़ा मिली तो क्यों मिली मुझको । ए दिल! बता मुझको उनसे दिल लगाने की सज़ा मिली तो क्यों मिली मुझको ।
दीद के बाद, होश जाते रहे। क्या बयाँ करता मैं जलाल तिरा। दीद के बाद, होश जाते रहे। क्या बयाँ करता मैं जलाल तिरा।
क्यों हुआ है इस कदर परेशां, ढूंढता फिरता है यहाँ किसके निशाँ क्यों हुआ है इस कदर परेशां, ढूंढता फिरता है यहाँ किसके निशाँ
दिल की बातें दिल में ही रहने दो राज -ए-दिल दफन यहां हैं रहने दो। दिल की बातें दिल में ही रहने दो राज -ए-दिल दफन यहां हैं रहने दो।