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Devesh Dixit

Abstract

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Devesh Dixit

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असामाजिक तत्व

असामाजिक तत्व

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असामाजिक तत्व 

जब आते हैं समाज में 

मचाते हैं हुड़दंग 

डराते हैं बेकार में 

अपनी धाक जमाने को

आतंक ये मचाते हैं 

गुनाह पर गुनाह कर कानून को 

अंगूठा ये दिखाते हैं 

पकड़ सको तो पकड़ लो 

अभियान ये चलाते हैं 

देखो विवश कानून भी

इनको पकड़ नहीं पाते हैं 

गुनाहों की सीमा नहीं 

ये विश्व रिकॉर्ड बनाते हैं 

चोरी, हत्याएँ और बलात्कार ही 

अपना ध्ये बनाते हैं 

निशाचर हैं ये निशाचर ही 

ऐसा रूप दिखाते हैं 

कुछ वश में नहीं होता इनकी 

अंत निकट जब आता है 

पुलिस तब एक्शन में है आती 

और एंकाउंटर इनका कर दिया जाता है 

खत्म होती फिर कहानी इनकी 

समाज राहत की सांस तब लेता है। 



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