अपने पर विश्वास रखना
अपने पर विश्वास रखना
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क्यों घड़ी-घड़ी
अपने को कोसा करता है,
क्यों हर किसी से
सहानुभूति की आशा करता है ?
तू पहिचान अपने आप को
तुझे भी स्वप्न पूरा करना है,
हारना कोई बुरा नहीं
तुझे एक जीत का धैर्य रखना है।
ये अंधेरे जो तुझे
हर पल डराते हैं,
डर न तू
ये हौसले तुझको देते हैं।
जिंदगी में हर पल संघर्ष है
और बाकी है क्या,
तुझे जीतना है तो
हार का तुझको डर क्या ?
हौसले बुलंद कर
और निर्भीक होकर चलता जा,
यदि शूल हैं तेरी राह में
तू फूल समझकर बढ़ता जा।
न डूबी है तेरी किश्ती
न साहिल दूर है,
यकीं कर खुदी पर
अब न वो मंजिल दूर है।