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अच्युतं केशवं

Abstract

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अच्युतं केशवं

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अनुभवों ने सीख के दीपक जलाये

अनुभवों ने सीख के दीपक जलाये

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कब नदी की धार रोकी है,

नदी के कूल ने।


क्या परीक्षा तितलियों के

प्यार की ली फूल ने।


अनुभवों ने सीख के

दीपक जलाये ही रखे,


जिंदगी ने पूर्णता मानी

सदा ही भूल में।


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