अनुभव से सीखें हम
अनुभव से सीखें हम
कुछ मीठे,कुछ सच्चे!
कुछ पक्के,कुछ कच्चे!
अनुभवों से जब गुजरे हम!
सीखें तभी! कब-कब?
कहां-कहां?और कैसे-कैसे?
बंद मुट्ठी के पत्ते खोले हम!
कब बोलें,कब चुप्पी साधें!
कब मौनता को तोड़े हम ?
ये समाज अब चलता कैसे है?
ये सबक कवि महाकुंभ में सीखें हम!
