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Kumar Vikash

Abstract

5.0  

Kumar Vikash

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अनोखी मोहब्बत

अनोखी मोहब्बत

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हमें थी एक मोहब्बत उनसे

ये अहसास हमने कराया नहीं।


उनके दिल में धड़कते थे हम

ये उन्होंने भी कभी बताया नहीं।


दिलों में मोहब्बत यूँ ही पनपती रही

बस किसी ने किसी को बताया नहीं।


हम दोनों मोहब्बत में यूँ ही जलते रहे

फिर भी जुबां से कभी जताया नहीं।


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