अनोखा बन्धन
अनोखा बन्धन
देखो आज इंसानों से भी बढ़कर है यह गिलहरी,
जब इंसान चले जाते है साथ छोड़ कर,
तब यह पकड़ लेती है हमारी बागडोर।
आज हम जब इंसानों की तरफ हाथ उम्मीद का बढ़ाते हैं,
तो वह अनदेखी करके आगे बढ़ जाते हैं।
पर देखो इस प्यारी सी गिलहरी को,
इसने हमको इतना प्यार दिया,
अपनों ने भी जब साथ छोड़ दिया।
देखने में तो है चंचल सी दिखती है,
लेकिन देखो जब जरूरत पड़ती है,
तो सबसे पहले यह ही नजर आती है।
अरे दीवानो क्यों ना हो,
इसके ऊपर तो रामजी ने जब उंगलियां फेरी थी,
उसकी तो जिंदगी ही बदल गई।
गिलहरी और इंसानों का जन्मो जन्मो का नाता है,
इसका प्यार बिना शर्तों के है।
इंसानों की तरह शर्त नहीं लगाती ये,
यह तो अलबेली मस्तानी हम सबका दिल बहलाती है।
कभी पेड़ पर, कभी डालियों पर आती जाती रहती है,
यह चाहे कितनी भी ऊपर चली जाती है,
पर हमारे को देखकर एकदम नीचे आ जाती है।
यह इंसानों से तो बहुत ही बढ़िया है,
क्योंकि इंसान जब ऊंचाइयों को छूते हैं,
तो हमको तो धरती पर रोंदते हुए आगे बढ़ते जाते हैं।