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AMAR NATH THAKUR

Tragedy

4.5  

AMAR NATH THAKUR

Tragedy

अंधेर नगरी चौपट राजा

अंधेर नगरी चौपट राजा

1 min
334


1-


बोरा भर पानी हो

और चुल्लू भर अनाज

तो फिर क्या कहने


दाना-दाना चूता हो पानी

और बूँद-बूँद रिसता हो अनाज

तो भी फिर क्या कहने


क्विंटल भर लोगों का जमावड़ा हो

और बीघा भर की हो सूझ - बूझ की बातें 

तो भी फिर क्या कहने


आदमी की मौत से आतंकित कुत्ता भागे

तलवा जब जीभ को चाटे

डोरी जब फन्दे में लटके

स्वान-मुख में रोटी देख आदमी का जीभ लपलपाए

तो भी फिर क्या कहने


चोर करने लगे जब पहरेदारी

और पुलिस रखे डाका-लूट जारी

और तब भी शायद किन्तु संभवतः कुछ-कुछ सीधा-सीधा- सा ही लागे

तो फिर क्या होता है अंधेर नगरी और चौपट राजा ?

जब बिके टके सेर भाजी और टके सेर खाजा ?


-2-


लँगड़ा लम्बी दौड़-कूद की प्रतियोगिता जीते

अँधा राई और सरसों बीने

दल- दल भूमि पर लोग निर्भीक चलें

नदी-जल सतह पर हर कोई करे कदम ताल

पाताल की ऊँचाई - से वादे हों

आकाश जैसी गहराई- सी नैतिकता की मिशाल

तारे जमीन पर लोट-पोट करे

चाँद और सूरज जब दीपक ढूंढे

अन्धकार की वाह - वाही में ताली बजे

प्रकाश की हाज़िरी पर जब सन्नाटा सजे

राम- राज्य के मज़े भाई या लोकतन्त्र के मज़े ?


अँधेर नगरी चौपट राजा 

टके सेर भाजी टके सेर खाजा ।



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