अनचाहे पन्ने
अनचाहे पन्ने
अनचाहे पन्नों को पढ़ने में वक्त तो लगता है।
अनचाहे शब्दों को गढ़ने में वक्त तो लगता है।
शर्मिंदा हूं कि दिल को छू न सका,
अभी नया परिंदा हूं उड़ न सका।
उड़ने की चाहत तो हैअभी भरपूर।
मुंडेरों से उपर अभी जा ना सका।
हां,नए परिदों को उड़ने में वक्त तो लगता है।
अनचाहे पन्नों को पढ़ने में वक्त तो लगता है।
हौसला टूटने नहीं दूंगा,
उम्मीदें छूटने नहीं दूंगा।
इक नया गाना फिर सुनाऊंगा।
जो वादा किया है तो निभाउंगा।
हां,वादों को निभाने में वक्त तो लगता है।
अनचाहे पन्नों को पढ़ने में वक्त तो लगता है।