“ अमिट संदेश ”
“ अमिट संदेश ”
चलो कोई गीत गा लें,
कोई हम धुन बना लें,
संगीत की महफ़िल में,
अपना जलवा दिखा दें !!
कविता बने सुंदर बने,
अंदाज़ उसके हो नए,
ताजगी उसकी नई हो,
लोग उसको फिर सुने !!
लंबी ना हो छोटी बने,
बात लेकिन ठोस हो,
जो कहें वो हो सहज,
उसमें कभी न रोष हो !!
सत्यम, शिवम, सुंदरम,
गीत में अनिवार्य है,
शालीनता, मधुर्यता, प्रेम,
लेखनी का शृंगार है !!
कविता, लेखनी, गीत,
पुराने सदा हो जाते हैं,
उसके संदेशों की खुशबू,
शायद ही मिट पाते हैं !!