ऐसे चलती हो,क्यों?
ऐसे चलती हो,क्यों?
तुम चलती हो तो
पायल ऐसे बजते हैं, क्यों।
हर पग में मेरा ही नाम निकले
ऐसे स्वर मिलते हैं, क्यों।
अगर प्यार नहीं है,हमसे
तो ऐसे चलती हो,क्यों।
है,प्यार तुमको हमसे अगर
तो ऐसे शर्माती हो, क्यों।
अगर नहीं यह बात हकीकत
तो सपनों में आती हो,क्यों।
चलो जरा तु संभल संभल कर
ऐसे चलके जलाती हो,क्यों।