ऐसा सोचा तो नहीं था
ऐसा सोचा तो नहीं था
यूँ नींद में ख्वाब आयेंगे,
ऐसा सोचा तो नहीं था।
ख्वाबो में तुम आओगे,
ऐसा सोचा तो नहीं था।
यूँ उतरकर आंंखों से दिल में बस जाओगें,
ऐसा सोचा तो नहीं था।
प्यासे पंछी को सागर मिलेगा,
ऐसा सोचा तो नहीं था।
यूँ अंजान डगर पे चलतेे मंज़िल मिलेगी ,
ऐसा सोचा तो नहीं था।
तूफांं में भी नांव को किनारा मिलेगा ,
ऐसा सोचा तो नहीं था।
भटके हुऐ मुसाफिर को कारवां मिलेगा,
ऐसा सोचा तो नहीं था।
मेरे बहते आँसू को आशियां मिलेगा,
ऐसा सोचा तो नहीं था।

