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Ramesh Kumar Yogi

Abstract

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Ramesh Kumar Yogi

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ऐसा रंग लगाना

ऐसा रंग लगाना

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तन मन जीवन को महका दे ऐसा रंग लगाना

मत नियत तन को छुने की रखकर रंग लगाना


शिष्टाचार निभाओ हरपल बुरी वासना भूल

खिला रहे रिश्तों का उपवन ऐसा रंग लगाना।।


पावन प्रीत के पावन पर्व पे सबको गले लगाना

मन के सारे रंज द्वेष को मन से आज मिटाना


लेकर अबीर गुलाल क्रोध को दूर भगाओ

होली है प्रीत का पर्व प्रीत का सबको रंग लगाना।।


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