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Vikash Kumar

Inspirational

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Vikash Kumar

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ऐक्य मंत्र

ऐक्य मंत्र

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प्रश्न बहुत हैं जीवन में

उत्तर की क्या चाह करें

आओ सबका हाथ पकड़ लें

जीने की हम राह चलें।


किसने कितना पाया यहाँ पर

किसने खो अपना अंत किया

प्यार की राह पकड़ ली जिसने

उसने फिर जीवन अनंत किया

सबको अपना कर हम फिर

जीवन का नभ विस्तार करें।

पेड़ प्रकृति धरा मनुष्य और

जगति का कल्याण करें।


वेदों को भले ही ना पहचानो

कुरान बाइबिल को ना मानो

एक ईश्वर है एक सत्य है

एक हो तुम और एक जगत है

आओ एक स्वार्थ के हित सब

खुद में इस जग का वास करें

एक बने तो एक की ख़ातिर एक

एक कण का कल्याण करें।


खुद को हम सम्पूर्ण ना जाने

एक की पूर्णता को पहचाने

हम में सृष्टि की कोलाहल

ब्रह्मांड हमारा ही तो कायल


हमने भूल की हैं अगणित

आओ फिर सब भूल सुधारें

जगती के कल्याण की ख़ातिर

खुद में भूमंडल को धारें।



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