ऐ ! वीर तुझे मैं नमन करूँ
ऐ ! वीर तुझे मैं नमन करूँ
ऐ ! वीर तुझे मैं नमन करूँ ,
ना कम तु किसी भगवान से !
माँ भारती का रहा मान सदा,
चलते हम भी सीना तान के !
बाँध कफ़न सिर रण में चला,
खाई गोलियां तूने सीने में !
तू धूप छाँव में लडता रहा ,
आंधी तूफानो से टकराता रहा !
जो मातृभूमि की रक्षा को,
लहू का हर कतरा बहा चला !
चढ़ ऊँची पर्वत की चोटी ,
तिरंगा गर्व से फहरा चला !
ऐ ! वीर तुझे मैं नमन करूँ
गिरी बूंद लहू की जहाँ पर,
उस पत्थर को भगवान कहूँ !
मेरे वतन के अमर शहीद,
ऐ वीर तुझे मैं नमन करूँ !
जो लिपट तिरंगे में आया
दर्श को सारा वतन चला !
ना रोईं वो बुढ़ी आँखे तब
उनसे दूध ही छलक पड़ा !
माँ के सपूत तु ऐसे लड़ा,
था सीने में तेरे बारूद भरा !
दुश्मन तुझसे भयभीत हुआ,
हारि बाज़ी भी तु जीत गया !
ऐ ! हिन्द देश के अमर शहीद,
तेरे नाम का दीपक जलता रहे !
जब तक दिन हो शाम ढले
सूरज भी तुझे प्रणाम करे !
सरहद की आन ऐ ! वीर जवान
सत सत तुझे मैं नमन करूँ
ऐ ! वीर तुझे मैं नमन करूँ।