अधूरा मिलन
अधूरा मिलन
दूर से देखा किये हम,
मिलने का मन जब किया,
आएँगे हम तुमसे मिलने,
हमने ये प्रण तब किया
यान में फिर बैठ के हम,
चल दिए छूने तुम्हें,
जाने कितने दिन थे बीते,
अपनों से बिछड़े हमें
दर तुम्हारे पहुँच गए थे,
कुछ पलों की बात थी,
पर ये रात न मेरी थी,
किस्मत न मेरे साथ थी
मिलन की बस उस घड़ी में,
कुछ बात पे तुम रूठ गए,
दिल हमारा टूट गया,
सपने भी मेरे टूट गए
दिल मोहब्बत से भरा,
मुझे अब भी तुमसे प्यार है,
जाओ कहीं भी छोड़ कर,
दिल मिलने को तैयार है
इतरा न इतना हुसन पे
हम भी जिद्दी भारी हैं,
इस बार मिलना न सही,
अगली बार की तैयारी है
मिलने तुम्हें आऊंगा फिर से,
मैं नया हिंदुस्तान हूँ
तू अगर एक चाँद है तो,
मैं भी चंद्रयान हूँ