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Shijil P

Drama

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Shijil P

Drama

अधूरा मैं

अधूरा मैं

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नजदीकियाँ तेरी, कम लगे क्यों

चाहत भी तेरी, अधूरी लगे क्यों

मोहब्बत में जान भी दे दू, पर गम ना हो

प्यार ऐसी, की असर कभी कम ना हो


नखरा हुआ पुराना तेरा

बहाना हुआ झूठा तेरा

तू मुझ में ही समा जा

यही है किस्मत और तकदीर तेरा


मैं रोया वह बरसातें

ना सोया सारी रातें

जगाती है क्यों मुझे यह बूंदे

ख्वाहिश यही कि, कभी ना तुझे ढूंढ


संग तेरे बीती रातें भुला दूं

तू कहे तो साथ तेरे रो लूं

मैं सारे रिश्ते नाते भुला दूं

ख्वाहिश संग जीने की ना छोटू


नशे में धुत, पर बेअसर

तेरी नशीली आंखों का यह कहर

झूम रहा हूं पागल होकर

सब कुछ लुटा दिया, तुम्हें खोकर


तेरी मेरी कहानी

लग रही है पुरानी

हंसी से तेरी हमने ऐसा सौदा किया

दौलत के संग हमने खुदको लुटा दिया


दबी दबी सांसो में

सारी रात मैं जी लूं

आदत है बड़ी पुरानी

तू संग रहे तो जंग सारी जीत लूं


वक्त ने है अब सब कुछ बदला

बता कहां जा कर लूं यह बदला

कैसे करूं मैं अब गुजारा

खत्म हो रहा हूं जरा जरा


मैं तेरा दीदार करूं

या तेरी चाहत में मरूं

न जाने पर कहीं खोया रहूं

पल पल तेरी यादों में, जिऊँ या मरूं


रास्ते हमारे बिछड़ रहे

तू कहीं, और मैं कहीं

पर यह दिल धड़केगा दोबारा

जब कोई तेरा नाम है पुकारा


वक्त वक्त है ठहरता नहीं

जिंदगी का अब मतलब नहीं

तू जान कर भी अंजान है

कर रहा दीदार कोई सुबहो-शाम है


आंसू निकले तो अब कैसे

पूरा समुंदर अब नमकीन है

बूंद बूंद भी अब है कहां

दरिया में भी पानी कहां


देखी है तेरी आंखों की गहराई

बस डूबता रहा डूबता चला

चल दिया सारे बंधन को तोड़

समुंदर की गहराई,

नापने चला नापता रहा।


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