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Pranav Prakash

Romance

3  

Pranav Prakash

Romance

अधूरा इश्क़

अधूरा इश्क़

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मोहब्बत उससे मुझे बेशुमार था,

उस वक़्त बेअदब सा एक खुमार था,

लिखे थे न जाने कितने पत्र मैंने उसके नाम के,

जिस पे रखा था मैंने अपने दिल को निकाल के,


उन खतों को उस तक पहुचाने की हिम्मत मैं नहीं जुटा पाया,

अपने दिल की बात उससे मैं आज तक नहीं कह पाया,

वो सारे खत मैंने अभी तक संभाल के रखे हैं,


जिन्हें मैंने लिखा तो था मगर भेज नही पाया,

मैं तो सिर्फ और सिर्फ तेरा ही था,

अफसोस मैं तुझे अपना बना नहीं पाया।


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