तू नहीं तो मोहब्बत कैसी
तू नहीं तो मोहब्बत कैसी
मैं अपने इश्क की फिर हर रवायत खत्म कर दूँगा,
मैं खुद रूठूँगा और फिर खुद शिकायत खत्म कर दूँगा!
मैं तेरी आँखों में खुद ही तलाश लूँगा मोहब्बत,
और फिर खुद को तेरा होने से पाबंद कर दूँगा!
मेरे होने ना होने से जब कोई फर्क ना तुझको,
मैं फिर क्यूँ हूँ यहाँ मैं खुद का होना बंद कर दूँगा!
कोई होती नहीं वजह नहीं याद तू आये,
मैं तुझे भूलना अबके बारी बंद कर दूँगा!
और क्या होगा यही होगा अब ऐसा लगता है,
मैं मर जाऊँगा और फिर ये मोहब्बत खत्म कर दूंगा!