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Pranav Prakash

Abstract

5.0  

Pranav Prakash

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तिरंगा

तिरंगा

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हाँ हर दिल में तिरंगा होना चाहिए

न कोई बैर न कोई कड़वाहट होना चाहिए

अब जन जन में अटूट एकता होना चाहिए

हाँ हर दिल में तिरंगा होना चाहिए

न पिला सके कोई जाति धर्म का जहर

लिन हो हर कोई देशभक्ति में इस कदर

अब देश ही हर किसी का अध्यात्म होना चाहिए

हाँ हर दिल में तिरंगा होना चाहिए

दर्शा रहा केशरी देश की दृढ़ता

सफ़ेद है दे रहा सच्चाई की परिभाषा

हरे के जैसे देश में हरियाली होनी चाहिए

हाँ हर दिल में तिरंगा होना चाहिए।



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