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Praveen Gola

Inspirational

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Praveen Gola

Inspirational

अच्छाई और बुराई

अच्छाई और बुराई

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अच्छाई और बुराई, ये दोनों सदियों से चली आईं, मनुष्य के अंदर ही अंदर, ये धीरे से हृदय में समाई।

जब बचपन की आँखों में, चमकती उम्मीदें, तब अच्छाई को, सब दिल से खरीदें।

दया और सदभावना, ये हृदय में समायें, अच्छाई की जीत हो, तो खुशियों से हर्षायें।

परंपराओं की छाँव में, बढ़ती ख़ुशियाँ, समाज में खिलती, खुशहाली की दुनिया।

लेकिन जहाँ अच्छाई होती है, ताजमहल की तरह, वहाँ बुराई भी उबरती है, किसी तानाशाह की तरह।

अहंकार की प्रवृत्ति, मनुष्य का शत्रु है, बुराई की जड़, सदैव उसका नाश करती है।

सोच को सुदृढ़ करो, मन को निरामय करो, अच्छाई की ख़ातिर, बुराई को परास्त करो।

दूसरों की मदद करो, व्यक्तित्व को सुंदर बनाओ, अपने कर्तव्यों को पूरा कर, ख़ुद की पहचान पाओ।

जीवन में अच्छाई की बारिश हो, ये मांगते हैं हम, बुराई के घने बादलों से, दूर रहना जानते हैं हम।  

चलो बदलें दुनिया को, अच्छाई के संगीत से, हर कदम पर बुराई को, खत्म करें नई जीत से।

अच्छाई और बुराई, ये दोनों सदियों से चली आईं, मनुष्य के अंदर ही अंदर, ये धीरे से हृदय में समाई।



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