अबला नहीं सबला
अबला नहीं सबला
मैं अबला नहीं मैं सबला हूँ,,
मेरा अस्तित्व स्वीकार करो।
प्रत्येक क्षेत्र में सिद्ध किया,
अपना उचित व्यवहार करो।
मैं ही तो शक्ति हूँ शिव की,
और सृष्टि की ब्रह्मा हूँ।
भोग्या नहीं मैं भक्ति हूँ,
दृष्टि का अपनी विस्तार करो।
सब देवियाँ मुझमें समहित है,
केवल उनका विस्तार करो।
चंडी न मुझे बनने दो,
पावन अपने संस्कार करो।