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Vijay Kumar parashar "साखी"

Abstract

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Vijay Kumar parashar "साखी"

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अभी तो

अभी तो

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जीत तो अभी बाकी है

गीत तो अभी बाकी है

चला अभी तो एक क़दम,

अभी तो पूरा जहाँ बाकी है

कुछ सिक्के मिलने से,

कुछ सपने पूरे होने से,

सारी जिंदगी नही मिली है,

अभी तो आसामां बाकी है

तू चलता चल,अपना कर्म करता चल,

अभी तो चलना सफर में,

बहुत ही लम्बा साथी है

क्षणिक सफलता से,

थोड़ी सी खुश्बु से,

ज्यादा खुश हो मत,

अभी तो पूरा बाग बाकी है

जीत तो अभी बाकी है

गीत तो अभी बाकी है

अभी तो चलना आग में,

तू सोना करामाती है।



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