आज़ादी
आज़ादी
चाहे जैसे भी हालात हों ,जोश आज़ादी का कम न हो।
हृदय में जलती रहे ज्वाला ,विवशता से आँखें नम न हो।
याद सदा रखना होगा ,आज़ादी की अमिट कहानी को।
लाला ,सुभाष ,आज़ाद ,तिलक ,भगत सिंह की कुर्बानी को।
आज़ादी के शंखनाद ने ,जन जन में भरा था जोश।
वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई ने ,अंग्रेजों के उड़ा दिए होश।
बिस्मिल की लेखनी की धार ,बचा लिये मन का आस।
सत्य अहिंसा के बल पर ,बापू ने जगाया नव विश्वास।
रुकने का अभी वक़्त नहीं ,गाओ कंठ से ज्वलन्त गान।
डट जाना तूफ़ानों में भी ,हो क्रांति भरे सबके अरमान।
नौजवानों भूल न जाना ,उन शहीदों के अतुल बलिदान को।
जान चले जाये पर कम न होने देना ,भारत माँ के सम्मान को।