STORYMIRROR

Arun Gupta

Abstract

3  

Arun Gupta

Abstract

आत्मनिर्भर

आत्मनिर्भर

1 min
64


मैं नहीं हूँ किसी पर निर्भर, 

मैं तो हूँ आत्म निर्भर 

मैं किसी का इंतज़ार नहीं करता 

मैं इस देश का युवा हूँ 

मेरे दिमाग में ख्याली पुलाव है पकता! 


मैं ज़रा देर में अधिकारी, अभिनेता या नेता हूँ बन जाता 

वो अलग बात है, मुझसे एक काम भी ठीक से हो नहीं पाता 

करता हूँ हर प्रयत्न, मैं बड़े बड़े सपने देखता हूँ 

इसीलिए मैं दिन में भी पाँच छः घण्टे सो लेता हूँ 

मैं हूँ आत्मनिर्भर, मैं सपने देखने में किसी की मदद नहीं लेता हूँ !


सरकार बहुत कुछ हमारे लिए है सोचती 

हम बने कैसे आत्मनिर्भर वो हमे हमारे हाल पर ही छोड़ती! 


हमारे यहाँ तो कुछ लोग इतने आत्मनिर्भर हो रहे 

एक जगह भी मिलती नहीं है नियुक्ति 

वो पच्चीस जगह खुद ही नियुक्त हो रहे!




Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract