ना डालो मेरे पैरो में ज़ंजीर
ना डालो मेरे पैरो में ज़ंजीर
खोल दो जंजीर मेरी, मुझे अब जाने दो
मत रोको मेरा रास्ता रीति -रिवाज के नाम पर
मुझे आगे बढ़ जाने दो
मुझ पर थोड़ा विश्वास करो पापा
मुझे सुनीता या मैरी कॉम बन जाने दो
मैं आगे बढ़ना चाहती हूँ
मुझे भी कॉलेज जाने दो
बेटी मैं तुझे हर छूट देना हूँ चाहता
लेकिन क्या करूँ,मैं इस समाज से डर जाता
लोग अपने गाँव के मुझे ताने मारेंगे
तुझे पर आरोप लगा, तुझ पर कीचड़ उछालेंगे
कहे कोई तुझे गलत, यह मैं सह नहीं सकता
बाँध देता हूँ यह जंजीर, और नहीं कोई मेरे पास रास्ता
पापा थोड़ा मुझ पर विश्वास करो
लोगो का क्या है, तुम इनसे ना डरो
देखना एक दिन यह गाँव मेरे नाम से जाना जायेगा
करुँगी देश के लिए कुछ ऐसा,
आपका नाम रोशन हो जायेगा
मेरी बेटी मैं तो तुझे आज आज़ाद कर दूँ
जहाँ चले वहाँ तेरे साथ चल दूँ
लेकिन तू अभी है नादान, इस समाज से है अनजान
यहाँ लोगो को समझाना नहीं आसान
तुझे मैंने है बहुत प्यार से पाला, मैं तुझे नहीं खोना चाहता
बेहतर है मैं यह जंजीर तेरे पैरों में बाँध दूँ
इन नासमझ लोगो के मुँह पर ताला डाल दूँ
यहाँ आदमी के रूप में भेड़िये है हजार
सोचता हूँ तुझे बाहर भेजने का तब मुझे डर लगता है बार बार।