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Anu Wadhwa

Abstract

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Anu Wadhwa

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आत्मनिर्भर बनने दो मुझे

आत्मनिर्भर बनने दो मुझे

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जो सदियों से होता आया गलत करने दो अब सही उसे 

अपनी ढाल मैं खुद हूँ, आत्मनिर्भर बनने दो मुझे 

 

ना देना अब साथ मेरा जब भी हो सामना किसी बड़ी मुश्किल से 

हैं हिम्मत अपने लिए लड़ने की, ये ही याद रखने दो मुझे 

 

मत आना हर बार बचाने को घने अंधेरो में 

ध्यान रखना बस इतना की गलत सही की पहचान हो मुझे 

 

चुप होकर नहीं है सहना जूझने दो अब इस नाइंसाफ़ी से 

कैसे अपने लिए है जीना ये अनुभव भी करने दो मुझे 

 

कुछ दिन की बात है ये सोच कर नहीं रुकना अब आगे बढ़ने से 

सही समय पे कैसे है सही फैसला लेना ये एहसास भी दे दो मुझे 

 

त्याग ममता जो मेरे वजूद में है, रोकने दो मज़बूरी बनने से उसे 

मेरा अस्तित्व कितना कीमती है उसका भी मूल समझने दो मुझे


 जो सदियों से होता आया गलत करने दो अब सही उसे 

अपनी ढाल मैं खुद हूँ, आत्मनिर्भर बनने दो मुझे।


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