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Sameer Khan

Inspirational

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Sameer Khan

Inspirational

आसमा है ज़मी़ं,ज़मीं पर साथ है

आसमा है ज़मी़ं,ज़मीं पर साथ है

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आस्मां है ज़मी,ज़मी पर साथ है

संसार के जाल में तेरा ही संहार है

जन्म है मृत्यु भी,बस जीना कठिन है

ईष्यापूर्ण जीवन में क्या राश है

आस्मां है ज़मी,ज़मी पर साथ है


सागर बोलता, पर्वत भी दोलता है

श्रम ही जीवन,यह ईश बोलता है

एकही जीवन में क्या टटोलना है

सत्य बोलने में क्या सोचना है

आस्मां है ज़मी,ज़मी पर साथ है


दृष्टि है देखो भुई पर क्या नाश है

बस फलफ ही छूना,यह क्या खास है

बस ज्ञान की तो बात है

अपने आत्मा से पूछो यह क्या राज़ है

आस्मां है ज़मी,ज़मी पर साथ है। 


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