आशिक़ी
आशिक़ी
तेरे नाम से हमनें सपनें सजाए बहुत हैं,
तेरी याद में जगकर रातें बिताए बहुत हैं।
और यूँ हीं नहीं चढ़ा शायरी का शौक़ हमपर,
हमने इश्क़ के समंदर में गोते खाये बहुत हैं।
तेरे नाम से हमनें सपनें सजाए बहुत हैं,
तेरी याद में जगकर रातें बिताए बहुत हैं।
और यूँ हीं नहीं चढ़ा शायरी का शौक़ हमपर,
हमने इश्क़ के समंदर में गोते खाये बहुत हैं।